Ram Mandir Ayodhya

राम मंदिर भगवान राम को समर्पित एक हिन्दू मंदिर है जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या नगर में स्थित है। यहां पर हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता, भगवान राम के भव्य मंदिर की नींव रखी जाएगी। अयोध्या को भगवान राम के जन्मस्थल के रूप में माना जाता है और यह स्थान हिन्दू धर्म के लिए पवित्र माना जाता है।

राम मंदिर के बारे में विशेष जानकारी का निर्माण, एक लंबे समय के बाद, संघर्षपूर्ण और समाधानयोग्य विवाद के बाद हुआ है। इस विवाद का कारण था कि 1992 में बाबरी मस्जिद को तोड़ा जा दिया गया था और उसी स्थान पर भगवान राम के मंदिर की निर्माण की मांग उठाई गई थी।

2020 में, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद का निर्णय किया और यह तय किया कि राम मंदिर के लिए एक नया स्थान निर्धारित किया जाएगा और उसी स्थान पर मंदिर की निर्माण का कार्य शुरू होगा। इसके बाद, 2020 में भूमिपूजन समारोह के बाद, निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है।

राम मंदिर का निर्माण एक बड़े सामाजिक और सांस्कृतिक घटना है जो भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण मोड़ पर हुई है। इससे हिन्दू धर्म के अनुयायियों के बीच में एक सांघर्षिक विवाद का समाधान हो गया है।

भगवान राम, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता में से एक हैं और वे "रामायण" महाकाव्य के मुख्य पात्र हैं। राम का जन्म सन् 5114 ईसा पूर्व (बीस हजार साल पहले) के आस-पास हुआ था, जो अयोध्या नगर में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम राजा दशरथ और कौशल्या था।

राम का विवाह सीता से हुआ था, जोकि मिथिला नामक स्थान से थीं। राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न इन चारों भाइयों को मिलकर चौदह वर्षों तक गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने पिताजी से अयोध्या के राजा बनने का अधिकार प्राप्त हुआ।

हालांकि, राम के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण घटना रामायण में वर्णित है, जिसमें उनका वनवास, सीता की हरण और रावण के साथ युद्ध का वर्णन है। राम, अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए दक्षिण भारत में लंका के राजा रावण के साथ युद्ध करते हैं और उन्हें जीत करते हैं।

राम का व्यवहार, उनके धर्म, और उनकी नैतिकता ने उन्हें "मर्यादा पुरुषोत्तम" के रूप में माना जाता है, जिससे भगवान राम के प्रति श्रद्धालुओं का आदर और प्रेम है। राम और सीता की कहानी हिन्दू धर्म में एक प्रमुख धार्मिक कथा है जो आज भी लोगों के दिलों में बसी है।

हनुमानजी भगवान राम के अद्वितीय भक्त माने जाते हैं और उन्हें एक महान भक्त और सेवक के रूप में पूजा जाता है। हनुमानजी का चरित्र और उनके किए गए भक्तिपूर्ण कर्मों का वर्णन मुख्यतः हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण ग्रंथ, रामायण, और महाभारत के भगवद गीता में किया गया है।

हनुमानजी का मुख्य कार्य भगवान राम की सेवा करना और उनकी साधना में समर्थ होना था। रामायण में हनुमानजी ने राम की पत्नी सीता का पता लगाने के लिए लंका जाकर उनकी सेवा की थी और उन्हें सीता के संदेश और अग्नि परीक्षा से आजमाया था।

हनुमानजी की चरित्र गुणवत्ता, वीरता, और श्रद्धाभक्ति से भरी है। उन्हें पवनपुत्र, आञ्जनेय, संकटमोचन, बजरंगबली इत्यादि के नामों से पुकारा जाता है। हनुमान चालीसा, हनुमान भजन और रामायण में हनुमानजी की कृतियों की पूजा भक्ति के क्षेत्र में व्यापक रूप से होती है।

हनुमानजी का भक्ति और सेवा में समर्पण का उदाहरण हमें धर्मिक शिक्षा देता है और उन्हें आदर्श भक्त के रूप में पूजा जाता है।


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