प्रधान पति की मौत
एक गांव में रामगढ़ नाम की एक जगह थी जहा पर कई सरे लोग रहा करते थे जिनमे से गांव में सरपंच और ग्राम प्रधान भी होते थे एक बार की की बात है एक प्रधान अपने गांव में अपनी वैभव और प्रतिभा दोनों ही बनाये रखा था और अपना एवं अपने परिवार जान का भी जीविको पार्जन बहुत ही सुगमता से कर लेता था चूंकि वह गांव का प्रधान था तो गाँव मे किसी भी प्रकार का विवाद हो तो वह सर्वप्रथम गांव के सरपंच और ग्राम प्रधान के पास ही आता था।
और ग्राम प्रधान उन सभी समस्याओ को सुलझा भी लेते थे धीरे धीरे दिन बीतते गए और गांव के ग्राम प्रधान के पांच वर्ष पुरे हो गए थे ।
चूंकि पांच वर्ष पूरे हो गये थे इसलिए गांव में नए ग्राम प्रधान के लिए चुनाव हुआ और चुनाव के लिए कई सरे प्रत्याशी चुनाव के लिए खड़े हुए जिनमे से कुछ पुरुष थे और कुछ महिलाये भी थी चुनाव होने के पश्चात् चुनाव का परिणाम घोषित हुआ जिसमे एक महिला ग्राम प्रधान का चुनाव जित गयी और जितने के बाद कई दिन बीत गये।
और गाँव के कई व्यक्ति भी उस महिला प्रधान से और उसके काम से प्रसन्न थे। लेकिन जो पूर्व प्रधान था जोकि हाल ही में महिला प्रधान से मात्र कुछ ही वोटो से हरा था वह अपने ग्राम प्रधान के पद पर रहकर कई सारे अच्छे और कई सारे बुरे काम भी किये थे उसने एक सरकारी भवन अपने कार्यकाल में बनवाया था। जिसका उसने कुछ पैसा अपनी सैलरी से लगाया था और जब उसके पांच साल पूर्रे हो गए तब उसने नए बने महिला प्रधान से अपने लगाए हुए पैसे मांगने में महिला प्रधान के पति से हाथ पाही हो गयी और उस व्यक्ति ने महिला प्रधान के पति को थोड़ा झटके से धक्का डे दिया और धक्का देने से उस व्यक्ति के ह्रदय में झटके के कारन हार्ट अटैक आगया और वह व्यक्ति वही मर गया।
और गांव के लोगो ने भी इस झगड़े को अपनी आँखों से देखा और महिला ने जोकि प्रधान थी वह अपने पति की हत्या का बदला लेने के लिए पुलिस जाकर FIR दर्ज करवा दी और गांव वालो को भी इकठा कर लिया जिससे पोलिस को भी पूर्व प्रधान जोकि अब खुनी बन चूका था उस पुलिस भी जाकर लाकर में बंद कर दी जिससे मामला कोर्ट तक गया। और गांव के लोग और महिला प्रधान को तसल्ली मिली।
जेल में जाकर वह व्यक्ति बहुत ही परेशां था और अपने परिवार वालो से कह कह कर अपनी जमानत कराने की बहुत कोशीश की।
कुछ दिन बिताने के बाद उसकी वह कोशिश कामयाब हो गयी और वह व्यक्ति जेल से रिहा हो कर अपने घर गया लेकिन कोर्ट की तरफ से सुनवाई के लिए उसे बार बार जेल के दरवाजे और कोर्ट के चक्कर तो लगाने ही होंगे।
चाहे कुछ भी हो जाये गलत तो गलत ही होता है।
लेकिन महिला प्रधान का पति झटके से मरा है कहे तो उसे हार्ट अटैक आया था और जिससे उसकी मृत्यु हुई थी।
पूर्व प्रधान ने जान बूझकर उस व्यक्ति की हत्या नहीं की थी जिससे कोर्ट ने भी उस व्यक्ति को जमानत दे और उसे घर जाने दिया।